

बेगुसराय में गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन ने मनाया 12 वां स्थापना दिवस
- by Raushan Pratyek Media
- 21-Sep-2025
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प्रशान्त कुमार ब्यूरो चीफ
*???? कम्प्रोमाइज करने से देश का निर्माण नहीं होगा : सर्वेश कुमार*
*???? 23-25 बैच की गोल्ड मेडलिस्ट कुमारी ममता को मिला 51 हजार रुपये का पुरस्कार*
बेगूसराय :- गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन, रमजानपुर, बेगूसराय ने धूमधाम से अपना 12वां स्थापना दिवस समारोह पूर्वक सम्पन्न मनाया। समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्वलन कर एमएलसी सर्वेश कुमार, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष व पूर्व डीन मानविकी संकाय डॉ. चन्द्रभानु प्रसाद सिंह, श्रीकृष्ण महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ. सपना चौधरी, मध्य विद्यालय बीहट की वरिष्ठ शिक्षिका अनुपमा सिंह तथा प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने संयुक्त रूप से किया।
गंगा ग्लोबल बीएड कालेज के फाउंडर व बिहार विधान परिषद सदस्य सर्वेश कुमार ने कहा कि केवल सिलेबस से काम नहीं चलेगा ग्लोबल विषय को पढ़ना और समझना होगा। नवाचार को बढ़ावा देना होगा। कम्प्रोमाइज करने से देश का निर्माण नहीं होगा। सिर्फ़ अच्छी अच्छी बातें करने से चीजें अच्छी नहीं होती है उसके लिए काम करना पड़ता है। लगातार काम करने की ज़रूरत है। शिक्षकों की असली भूमिका निभानी होगी। पुराने शिक्षकों को याद किया। गंगा ग्लोबल की संकल्पना की चर्चा करते हुए शिक्षित समाज और समृद्ध समाज के लिए पढ़ने और पढ़ाने को श्रेष्ठ कार्य बताया। इस मौके पर गंगा ग्लोबल बीएड कॉलेज के फाउंडर सर्वेश कुमार ने प्रशिक्षुओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 23-25 बैच की गोल्ड मेडलिस्ट कुमारी ममता को 51 हजार का पुरस्कार देने की घोषणा की।
*अध्यापन कार्य को नौकरी नहीं कर्तव्य समझें : चंद्रभानु प्रसाद*
डॉ. चन्द्रभानु प्रसाद सिंह ने कहा कि अध्यापन कार्य को नौकरी नहीं कर्तव्य और सेवा भावना से करनी होगी। बच्चों की शिक्षा में परिवार का महत्व समझाया कि इससे बच्चों का सर्वोत्तम विकास होता है। बिहार के शिक्षक प्रशिक्षण के तरीकों के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि बीएड प्रशिक्षण को मजबूत कर बिहार में शिक्षा की स्थिति मजबूत की जा सकती है। भावी शिक्षकों को एआई के कारण चुनौतियों और उनका बच्चों पर हो रहे असर की चर्चा की।
*टिचिंग इज द मदर आफ आल प्रोफेशन : प्रो. रजनी*
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रजनी रंजन सिंह ने कालेज की सराहना करते हुए कहा कि टिचिंग इज द मदर आफ आल प्रोफेशन। उन्होंने शिक्षकों की तुलना पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से की। कहा कि शिक्षकों में भी वही शक्ति चाहिए तभी आपका प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा और वह पढ़-सीख पाएगा। एनईपी 2020 और आईटीईटी के बारे में भी बताया।
*बच्चों पर बिल्कुल दबाव नहीं बनाना चाहिए : डॉ. सपना चौधरी*
महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ सपना चौधरी ने सर्वेश कुमार के कार्यों की सराहना करते हुए दूसरा सर गणेशदत्त कहा। संबोधन में कहा कि बच्चे जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं शिक्षक और पैरेंट्स को प्रेरित करना चाहिए दबाब बिल्कुल नहीं बनाए। इससे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घट रही है। शिक्षक अपना दायित्व समझें, बच्चों को दायित्व समझाएं तभी अच्छे समाज का निर्माण होगा।
*जीवन में धैर्य रखना सिखाइए : अनुपमा सिंह*
वरिष्ठ शिक्षिका अनुपमा सिंह ने नवाचार गतिविधियों के अपने अनुभवों को साझा किया। पैसे वाले का समाज में मूल्य अधिक है इससे नई पीढ़ी पर गलत प्रभाव पर रहा है। जीवन में धैर्य रखना सिखाइए, मुश्किल परिस्थितियों से लड़ने की शिक्षा दिजिए। खेलकूद, चित्रकला, नाटक और संगीत को बढ़ावा देकर बच्चों का सर्वांगीण विकास होने दें। डॉ. सुजीत कुमार द्विवेदी ने एआई और तकनीकी शिक्षा पर बल देने की सलाह दी।
*गोल्ड मेडलिस्ट छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित*
प्रत्येक वर्ष की उपलब्धियों में चारों गोल्ड मेडलिस्ट अभिलाषा कुमारी (2013-14), मोनिका कुमारी (2014-15), अभिषेक कुमार (2019-21), तथा कुमारी ममता (2023-25) को बधाई और शुभकामनाएं दीं। ज्ञातव्य हो कि इस वर्ष गोल्ड मेडल लाने के लिए कुमारी ममता को सर्वेश कुमार और अतिथियों ने महाविद्यालय ओर अंग वस्त्र व गौरव सम्मान से सम्मानित किया और 51 हजार की पुरस्कार राशि की घोषणा की। इससे पूर्व सभी अतिथियों को अंग वस्त्र और गौरव सम्मान के लिए मोमेंटो प्रदान किया गया। डॉ. चन्द्रभानु प्रसाद और अनुपमा सिंह का सम्मान सर्वेश कुमार ने, डॉ. स्वप्ना चौधरी का सम्मान डॉ. अंजली और डॉ. कामायनी कुमारी ने तथा प्रो. रजनी रंजन सिंह और डॉ. सुजीत कुमार का सम्मान प्रो. सुधाकर पांडेय और प्रो. विपिन कुमार ने किया। सम्मान के साथ स्वागत भाषण दिया प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने। स्वागत भाषण में उन्होंने कॉलेज के 12 वर्षों की यात्रा की चर्चा करते हुए पूर्व प्राचार्यों को याद किया। महाविद्यालय में योगदान देने वाले दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अदिति कुमारी, मेघना कुमारी, साक्षी रानी, कृतिप्रभा, प्रिया कुमारी, आरती कुमारी, नेहा कुमारी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। मंच संचालन किया प्रशिक्षु कृतिप्रभा और कार्यक्रम संयोजक प्रो परवेज़ यूसुफ़ ने। प्रशिक्षुओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत रामधारी सिंह दिनकर, शंकर शैलेन्द्र, हरिवंश राय बच्चन, दुष्यंत कुमार तथा निदा फ़ाज़ली की साहित्यिक रचना को प्रशिक्षुओं ने प्रस्तुत किया। संगीत प्रशिक्षण दिया प्रसिद्ध गायक व संगीत शिक्षक राजेश कुमार और तबला पर संगत किया वीरेन्द्र कुमार ने। कलम आज उनकी जय बोल...
तू ज़िन्दा है तो जिन्दगी ... जनता...तमाम साल जानता... आदि। गायन में प्रथम वर्ष के प्रशिक्षु अंकित, गोविंद, रिशव, श्रुति, अनुकृति, इफतजहां, जूली, शौर्या मेहता, राजेश, कोमल, पूजा, रिचा, रंजन, अभिनव, आलोक, नीरज और कोमल ने बहुत ही सुन्दर और मोहक प्रस्तुति दी। लघु नाटक- सम्मान की तलाश का प्रदर्शन किया गया। जिसके माध्यम से शिक्षकों और कलाकारों की समाज में वर्तमान स्थिति को दिखाया गया है। राजा के दरबार में दोनों उपस्थित होते हैं कि आर्थिक स्थिति और सम्मान दोनों सही नहीं है। उक्त अवसर पर एमबीए कालेज की प्राचार्य डॉ. सुधा झा, बीएड कालेज के प्राध्यापकगण, विभिन्न सत्रों के एलुमनी, तथा वर्तमान सत्र के प्रशिक्षु एवं कार्यालयकर्मी। धन्यवाद ज्ञापन किया कार्यक्रम समन्वयक परवेज़ यूसुफ़ ने।

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