मधुबनी-सीएम चिकित्सा सहायता कोष से गंभीर रोग का कराएं इलाज




किशोर कुमार ब्यूरो 

मधुबनी-मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहा है.इस वर्ष इस योजना से कई गरीब रोगियों की जान बचाई गई है.आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को योजना का लाभ मिलता है.योजना के तहत 20 हजार से 5 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद का प्रावधान है.मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना के तहत गंभीर एवं असाध्य रोग से ग्रसित गरीब मरीजों को आर्थिक सहायता के माध्यम से 14 असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है. योजना के तहत सालाना कम आय एवं प्रदेश के सरकारी व सीजीएचएस सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम से मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज करवाने वाले रोगी को ही सहायता दी जाती है.योजना के तहत हृदय रोग, कैंसर, कूल्हा रिप्लेसमेंट, घुटना रिप्लेसमेंट, नस रोग, एसिड अटैक से जख्मी, बोन मैरो  ट्रांसप्लांट, ट्रांसजेंडर सर्जरी,नेत्र रोग समेत 14 बीमारियों के इलाज के लिए सहायता राशि दी जाती है.वहीं मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी की अनुशंसा पर सूची में शामिल 14 बीमारियों के अलावा भी अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की तरफ से . से एक लाख की सहायता राशि देने का प्रावधान है.  इसका लाभ मरीज राज्य के मान्यता प्राप्त अस्पतालों के साथ दूसरे राज्यों में स्थित  सीजीएचएस सर्टिफाइड अस्पतालों में उठा सकते हैं.राज्य सरकार गंभीर रोग से पीड़ित गरीब मरीजों को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के माध्यम से इलाज करवा रही है.इस कोष से 14 असाध्य बीमारियों के इलाज में सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. 


सालाना 2.5 लाख से कम आय वाले  रोगियों को मिलता है योजना का लाभ :

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी की अनुशंसा पर सूची में शामिल 14 बीमारियों के अलावा भी अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की  तरफ से एक लाख रुपए की सहायता देने का प्रावधान है.सलाना 2.5 लाख से कम आय वाले तथा प्रदेश के सरकारी व सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज करवाने वाले रोगी को सहायता प्रदान की जाती है.इन अस्पतालों से इलाज के लिए दूसरे प्रदेश में रेफर करने वाले रोगी को भी सहायता दी जाती है.


क्या है जरूरी:

सिविल सर्जन डॉ. ऋषि कांत पांडे ने बताया आवेदन के लिए मरीज के परिजनों को प्राधिकार द्वारा निर्गत आवास प्रमाण पत्र, डीएम, एसडीओ या अंचलाधिकारी से निर्गत आय प्रमाण पत्र तथा राज्य सरकार के अस्पताल या सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल के इलाज का पुर्जा और मूल अनुमानित राशि के कागजात जमा करने होते हैं.यह कागजात राज्य के सचिवालय स्थित स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख को समर्पित करना होता है.जिसके बाद योजना के प्राधिकार कमेटी के द्वारा आवेदक को बुलाया जाता और जांच पड़ताल के बाद ही राशि अनुमोदित की जाती है.


अनुदान के लिए न्यूनतम आवश्यक योग्यता:

 रोगी बिहार का नागरिक होना अनिवार्य है.रोगी की प्रतिवर्ष आय 2.5 लाख रुपए से कम हो व रोगों से संबंधित इलाज राज्य सरकार के अस्पताल एवं सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त सभी अस्पताल में होना चाहिए!

  

Related Articles

Post a comment