हिन्दी जनता के बीच से विकसित भाषा है और जनता ही इसे समृद्ध करेगी- डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव



मोतिहारी:--‘हिन्दी साहित्य सभा’, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा गाँधी भवन परिसर स्थित नारायणी कक्ष में विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर ‘संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस अवसर पर हिन्दी साहित्य सभा के संरक्षक सह हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने अपने उद्बबोधन में कहा कि  हिन्दी को वैश्विक भाषा के रूप में विकसित करने की पहली सीढ़ी है अपने देश में हिन्दी को उचित सम्मान मिलना चाहिए । हमें अपना भाषा से प्रेम होना चाहिए, अनुराग होना चाहिए । हम अगर अपने देश में हिन्दी को सम्मान देंगे तो पूरी दुनिया में इसे सम्मान मिलना स्वाभाविक है ।  भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद पूरी दुनिया में हिन्दी सिखाने तथा अपने संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । जिसका परिणाम है कि भारत में आज ढेर सारे विद्यार्थी हिन्दी सीखने आते हैं । भारत की बढ़ती हुयी  सामरिक और आर्थिक शक्ति हिन्दी की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही है जिसका परिणाम हमें आगे देखने को मिलेगा । इस बार जी-20 की अध्यक्षता करने का अवसर भारत को मिला है, एक तरह से यह हमें अपने हिन्दी भाषा को समृद्ध करने का एक नया मार्ग मिलना है ।  वर्तमान में विश्व भर में हिन्दी को प्रतिष्ठित करने में  विश्व हिन्दी सम्मेलन,  दूसरे देशों के साथ हमारा व्यापार तथा सिनेमा भी अपना महत्वपूर्ण योगदान निभा रही है । 

कार्यक्रम में उपस्थित हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. गोविन्द प्रसाद वर्मा सर ने अपने उद्बबोधन में कहा कि हिन्दी भाषा को व्यवहार से रोजगार और रोजगार से व्यवहार की ओर बढ़ाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है । जिस भाषा का उपयोग अपने व्यापारों और क्रिया-व्यापरों में उपयोग होता चला जाएगा वह भाषा उतनी ही समृद्ध होती चली जाएगी । राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि मातृभाषा को समृद्ध करने का यह सार्थक पहल है । जिस प्रकार तकनीक की भाषा के रूप में अंग्रेजी ने अपने पैठ बनायी है उसी प्रकार हमें भी हिन्दी को समृद्ध करने के लिए हिन्दी भाषा को भी तकनीकि भाषा के रूप में विकसित करने पर जोर देने की आवश्यकता है ।

 इस अवसर पर हिन्दी विभाग के शोधार्थी- रश्मि सिंह, मनीष ठाकुर, श्री प्रकाश, अशर्फी लाल तथा परास्नातक के विधार्थी- आन्वी, नेहा, आदर्श, आनंद, पंकज, पंकज कुमार, चन्द्रप्रकाश, अविनाश, ललन ने भी हिन्दी भाषा को वैश्विक स्तर पर समृद्ध कैसे किया जाए इस पर अपनी बात रखी ।

कार्यक्रम का सफल संचालन शोधार्थी सुप्रिया कुमारी ने किया,  जबकि अतिथियों का स्वागत हिन्दी साहित्य सभा के अध्यक्ष मनीष कुमार भारती के द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी प्रियंका सिंह ने किया ।

  

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