बरारी दियारा में एसपी के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस की धमक ने अपराधी व दंबंगो के कान खड़े हुए

बरारी कटिहार से नीलम काैर की रिपोर्ट 







कटिहार जिला पुलिस अधीक्षक पहुंचे दियारा,  भवानीपुर,मोहनाचांदपुर,डहरा, बकिया रानीचक, डुब्बाटोला, रघुनाथपुर  दियारा में मोहना ठाकुर गुट व सुनील गुट के बीच वीते दिनों हुए गेंगवार के बाद अशांति व भय का माहौल का माहौल को आमजनों के बीच दियारा पहुंचकर पुलिस आरक्षी अधीक्षक जितेन्द्र कुमार ने अपराधी व दबंगों पर सख्ती से निपटने का सख्त निर्देश दिया. एसपी भारी पुलिस बल के साथ कढ़ागोला घाट से नाव द्वारा पूरे दियारा क्षेत्र की भोगोलिक स्थिति को देखते हुए मोहनाचांदपुर भवानीपुर  दियारा पहुंचकर अरविंद यादव के किये गये शव बरामद स्थल की जांच की. एसपी पूरे लॉव लस्कर के पैदल गेंगवार वाले स्थल की पड़ताल की कई जगह खोला, गमछा मिलने के साथ कांड पर शोध की प्रक्रिया भी चलती रही. एसपी दियारा पूरे दियारा क्षेत्र का अपराधिक गतिविधि से संबंधित जानकारी ली. मोहनाडीह पीकेट पर पहुंचे . पीकेट पुलिस से पूछताछ् के बाद पीड़ीत परिवार व ग्रामीण की बातें सुनी. उन्होंने ने स्पष्ट किया कि एक भी अपराधी कानून से नही बचेगा. जल्द होगी गिरफ्तारी. एसपी के साथ कोढ़ा इंसपेक्टर अनमोल कुमार यादव, थानाध्यक्ष विधानचन्द्र, सेमापुर ओपी प्रभारी राज कुमार चौधरी सहित भारी संख्या में पुलिस बल की धमक ने गेंगवार के बाद आमजनों को थोड़ी आस जगी ह्रै. लेकिन किसानों, मजदुरों के बीच आज भी भय का माहौल व्याप्त ह्रै. किसान अपना नाम नही छापने की शर्त पर बताते हैं कि भवानीपुर, डहरा, बकिया रानीचक, बिसनपुर दियारा में किसान की जमीन जबरन जोतने वाले आज भी खुलेआम घुम रहे हैं. जमीन किसी की जोत आबाद दबंग कर रहे हैं. अन्य किसान की जमीन सूदभरना तक लगाने की बात बता रहे किसान. किसान बताते हैं ऐसी स्थिति रही तो अन्य गुटों के लोग का मनोबल काफी बढ़ेगा जिसका खामियाजा किसान ,मजदुर को भुगतना होगा. पुलिस की काफी दबीश एवं लगातार छापेमारी के कारण नामित अपराधी पर शिकंजा कसता जा रहा ह्रै. वही  पुलिस दियारा में शांति व्यवस्था बनाये रखने, दियारा में कानून का राज लाने की जुगत में जुट गई है. अब सवाल उठता है कि जो दबंग, दियारा का बोस कहा जाने वाले अपराधी ने कई किसान, मजदुर, गुरूद्वारा की जमीन को जबरन जोत आबाद करने, रंगदारी करने वालों पर क्या पुलिस कार्रवाई करेगी. घटना के बाद लोग अभी भी घरों में रहना मज़बूरी ह्रै. लोग भयभीत  हैं.

  

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