बेगुसराय में मनाया गया भगवान बुद्ध की जयंती, भगवान बुद्ध के विचार और उनके आदर्श के संदेश सत्य, हिंसा और शांति के मार्ग चलने का अपील:- रंजन कुमार

नेहा कुमारी सिटी रिपोर्टर


बेगुसराय में किड्स वर्ल्ड अकैडमी समसा नावकोठी  में शुक्रवार को  तथागत भगवान बुद्ध की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अर्जक संघ के जिला संयोजक कमल रंजन कुमार ने कहा की आज भगवान बुद्ध के विचारों को लोग भूल गए ,उन्होंने सत्य, शांति और अहिंसा का मार्ग बताया था ,जिससे मनुष्य का कल्याण हो सकता है ,आपस में ,मानव मानव के बीच  प्रेम स्थापित हो, इसके लिए उन्होंने शांति का मार्ग प्रशस्त किया था ,लेकिन मुझे दुख होता है इस बुध की धरती पर युद्ध होते, आज चारों तरफ नफरत ही नफरत, लोग एक दूसरे का कत्ल करने पर तुले हुए हैं ,भाई- भाई बीच नफरतें बढ़ रही है, बाप बेटा के बीच नफरतें बढ़ रही है, लोग एनी टाइम तनाव में ही जी रहे हैं। चारों तरफ नफरतें बढ़ रही है,इसलिए बुद्ध ने कहा था किसी युद्ध को जीतने के लिए गोली बारूद नहीं, विचारों से जीती जा सकती है ।जैसा कि उन्होंने अंगुलिमाल के साथ किया ,वैचारिक परिवर्तन ही दीर्घकालिक और स्थाई होता है ।आप गोली बारूद से किसी व्यक्ति को मार सकते हैं लेकिनउनके अंदर दूषित विचार को परिवर्तित करने के लिए वैचारिक परिवर्तन जरूरी है ।जब  अंगुलिमाल डाकू ने 100 आदमियों के मरने की कसमें खाई मात्र उनकी एक अंगुली के लिए ,राजा प्रसेनजीत परेशान हो गए , राज में हाहाकार मच गई तब शांति मूर्ति बुद्ध ने अपने विचारों से उंगली माल के ऊपर ऐसा प्रहार किया कि उन्होंने आजीवन इस काम को, इस अहिंसक वृत्ति  को त्याग दिया और बुध के शरण में आ गया। आज जरूरी है भगवान बुद्ध के संदेश को हम स्वीकार करें ,उनको अपने जीवन में उतारें। शोषित समाज दल के संयुक्त प्रदेश सचिव धर्मेंद्र कुमार एवं सोशल एक्टिविस्ट रामचरण महतो ने कहा की,  बुद्ध दुनिया को जो मार्ग दिखाया अगर लोग उनके विचारों को आत्मसात कर ले, तो इस धरती पर कहीं कोई क्लेश नहीं रहेगा, भगवान बुद्ध तार्किक रूप से लोगों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा था हम किसी भी बात को इसीलिए नहीं माने की समाज के अधिकतर लोगों ने उस बात को मान रहा है ,किसी बात को तब भी नहीं मानो जो किसी धर्म ग्रंथों में लिखा हुआ हो ,किसी भी बात को तब मानो जब वह तुम्हारे ह्रदय की कसौटी पर तार्किक रूप से खड़ा  उतरे। बस इसी चीज को आज लोग समझ नहीं पा रहा है और अंधविश्वास पाखंड में लिप्त है। आज हमें अपने महापुरुषों के किए हुए, उनके बताए हुए मार्ग को अपनाना होगा, समझना होगा ,चिंतन करना होगा और उसे व्यवहार में उतारना होगा तभी हमारा, हमारे समाज का, हमारे समाज में जो आपस में वैमनस्यता फैली हुई है ,एक दूसरे को लेकर नफरत फैली हुई है, यह समाप्त होगी और जब हमारे कलुषित विचार समाप्त होगी तो हम खुशहाल होंगे ।मौके पर किड्स वर्ल्ड एकेडमी के प्राचार्य राहुल कुमार, डायरेक्टर चंदन कुमार, रामानंद चौधरी, शिक्षक सुमित कुमार, रेखा देवी, नंदनी कुमारी, सुजाता कुमारी, मनीषा कुमारी एवं अंशु कुमारी को ज्ञान की मूर्ति माता सावित्री बाई फुले का तस्वीर देकर सम्मानित किया गया।

  

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