मधुबनी-कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड गठन करने के लिए एसपी को लिखा पत्र




किशोर कुमार ब्यूरो 

मधुबनी सदर अस्पताल के चिकित्सक द्वारा गलत इंजुरी रिपोर्ट देने की शिकायत पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंजनी कुमार गोंड ने संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक को मेडिकल बोर्ड गठन करने का आदेश पारित किया है। जिला अभियोजन पदाधिकारी दिग्विजय नारायण सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक के अलावा सिविल सर्जन मधुबनी को भी मेडिकल बोर्ड से जख्मी और जख्म रिपोर्ट की जांच कराने के लिए पत्र लिखा है। मामला नगर थानाक्षेत्र का है। शहर के भौआड़ा गोवा पोखर निवासी मो. अजिजुउल्लाह ने अधिवक्ता राहुल कुमार के माध्यम से आवेदन देकर न्यायालय को बताया कि 25 नवंबर 2022 को उसके ग्रामीण मो. सदाकत अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर जानलेवा हमले कर दिए। धारदार तलवार से उसके गर्दन पर वार किया। जिससे उसका गर्दन कट गया। उसका चचेरा भाई जियाउल्लाह पहुंचा तो उसके पेट में चाकू घोंप दिया। सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उसके गर्दन पर 10 स्टिच लगाए गए। गर्दन पर गंभीर जख्म होने की वजह से वे अभी भी बोल नहीं पा रहे हैं। इसके बावजूद डॉक्टर ने अभियुक्त के प्रभाव में आकर गलत ढंग से साधारण इंजुरी दे दिया। सूचक ने जख्म से संबंधित तस्वीर एवं वीडियो फुटेज न्यायालय में दाखिल करते हुए मेडिकल बोर्ड गठित कर डॉक्टर द्वारा जारी जख्म प्रतिवेदन की जांच कराने की मांग की थी। इस मामले में न्यायालय ने पूर्व में नगर थानाध्यक्ष को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था की गर्दन पर धारदार तलवार से जान मारने की नियत से जख्म कारित करने एवं पेट में चाकू घोंपने की बात फर्दबयान में बताया था तो फिर किस आधार पर एफआईआर में भारतीय दंड विधान की धारा 307 नहीं लगाया गया।

  

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