मधुबनी-राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का हुआ आगाज

•जिलाधिकारी ने बच्चों को खिलाई अल्बेंडाजोल की टैबलेट 

• आज जिले के सभी सरकारी/ निजी विद्यालय, तथा आंगनबाड़ी केंद्रों पर  बच्चों को खिलाई जाएगी दवा

•जिले के 26 लाख से अधिक बच्चों को खिलाई जाएगी दवा

•दो साल तक के बच्चों को आधा टैबलेट दी जायेगी खुराक

•1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को खिलाई जाएगी दवा

किशोर कुमार ब्यूरो 

मधुबनी-बच्चों को कुपोषण से मुक्त बनाने तथा रक्त की कमी की समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आगाज बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में जिलाअधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने बच्चों को दवा खिलाकर किया। इस मौके पर उन्होंने बताया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत बाल मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य जिले में 16 मार्च को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस तथा 20 मार्च को माप अप दिवस का आयोजन किया जाएगा । कार्यक्रम के अंतर्गत 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में एवं सरकारी तथा निजी विद्यालय पर अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कहा कि भारत सरकार के अभियान के तहत आंगनबाड़ी जाने वाले लक्षित 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों तथा स्कूल जाने वाले 6 वर्ष 19 वर्ष तक के बच्चों एवं स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को आशा कार्यकर्ता द्वारा गृहभ्रमण कर अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी।

जिले के 26 लाख से अधिक बच्चों को खिलाई जाएगी दवा:

जिलाधिकारी ने बताया कार्यक्रम के तहत 1 से 19 वर्ष तक के जिले के 26 लाख 582 बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। जिसमें स्कूल में 6 से 19 वर्ष के 11,33,789 तथा  आंगनवाड़ी केंद्रों के के 14,66,793 बच्चों को दवा खिलाई जाएगी. कार्यक्रम जिला अंतर्गत 3870 स्कूलों ( जिसमें सरकारी विद्यालय 3414 तथा 457 निजी विद्यालय ) में  तथा 3858 आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को कृमि नाशक दवा अल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। जिसके लिए टैबलेट आवंटित कर दिया गया है।

दवा का सेवन कराते समय बरतनी होगी यह सावधानी:

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके विश्वकर्मा ने बताया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दौरान बच्चों को दवा खिलाते समय कुछ सावधानी भी बरतनी होगी। जैसे कि अगर किसी बच्चों की कोई गंभीर बीमारी का इलाज चल रहा  और वह नियमित रूप से दवा खा रहा , कोई भी बच्चा सर्दी ,खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ से  बीमार है तो, उसे यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली को चूरा बनाकर पानी के साथ, 2 से 3 साल तक के बच्चों को एक पूरा गोली का चूरा बनाकर पानी के साथ तथा 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली चबाकर खिलायी जानी है। दवा खिलाते समय यह ध्यान रखा जाये कि बच्चे दवा को चबाकर खाएं।  

कृमि संक्रमण के लक्षण:

-कृमि संक्रमण पनपने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं ।

-बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाती है।

-बच्चे हमेशा थकान महसूस करते हैं है

-बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास बाधित होता है।

-बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो जाती है।

कृमि संक्रमण से बचाव के उपाय:

-नाखून साफ और छोटे रखें, 

-हमेश साफ और स्वच्छ पानी ही पीऐं,

-खाने को ढक कर रखें

-साफ पानी में फल व सब्जियां धोएं

-अपने हाथ साबुन से धोए विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद

-घरों के आसपास साफ-सफाई रखें

-खुले में शौच न करें ,हमेशा शौचालय का प्रयोग करें।

मौके पर सिविल सर्जन डॉ. ऋषि कांत पांडे, एसीएमओ डॉ आर के सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा, डीसीएम नवीन दास,अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा यूएनडीपी के अनिल कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे!

  

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