जलती चिताओं के बीच यहां पढ़ते गरीबों के बच्चे - इस IPS अधिकारी की पड़ी नजर तो खुद पहुंच गए पढ़ाने



मुज़फ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में एक आईपीएस अफसर को जब पता चला की चिताओं के बीच गरीबों के बच्चे पढ़ाई करते है तो खुद चल परे बच्चो को पढ़ाने, पूरी कहानी जानकर आप भी उस आईपीएस अफसर की तारीफ करेंगे. दरअसल शहर के सिकंदरपुर स्थित शमशान घाट मुक्ति धाम में गरीब-मजदूर और कचरा बीनने वाले बच्चे पढ़ते है, जिसकी जानकारी जब आईपीएस अवधेश दीक्षित को पता चला तो वो अचानक पहुंच गए पढ़ाने. उनके इस काम और हौसले की हर कोई तारीफ कर रहा है. आपको बता दें की अवधेश दीक्षित मुजफ्फरपुर में बतौर एएसपी टाउन हैं. उन्होंने एक खास तरह की पहल की है, जिसके तहत वह गरीब और असहाय बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए अपना प्रयास कर रहे हैं.


*जलती चिताओं के बीच पढ़ते हैं बच्चे*


मुजफ्फरपुर के इस श्मशान घाट पर जलती चिताओं के बीच पढ़ते हुए बच्चों को देख कर आईपीएस अधिकारी अवधेश दीक्षित ने एक नया पहल शुरू किया. सिंकदरपुर स्थित मुक्तिधाम में सैंकड़ों की तादात में गरीब और मजदूरों के बच्चे पढ़ाई करते हैं, उन्हें देख आईपीएस अधिकारी अवधेश दीक्षित वहां शिक्षक बनकर पहुंच गए. उन्होंने वहां बोर्ड लगाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. साथ ही उन्होंने बच्चों से उनकी अब तक की पढ़ाई के बारे में जानकारी भी लिया.


*लोग आईपीएस अधिकारी की कर रहे सराहना*


आईपीएस अधिकारी अवधेश दीक्षित के इस पहल पर इलाके के लोग उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि श्मशान घाट पर तो आने से आमतौर पर लोग घबराते और डरते हैं लेकिन यहां काम करने वाले मजदूरों के बच्चों को पढ़ता देख मुझसे रहा नहीं गया. उनकी उत्साह को बढ़ाने के लिए मैंने इस अनोखे पहल की शुरूआत की है. पढ़ाई के प्रति बच्चों की ऐसी लगन ने मुझे यहां खींच लाया है. मैं खुद शिक्षक बनकर गौरव का क्षण महसूस कर रहा हूं, बच्चों को पढ़ा रहा हूं. शमशान घाट का पढ़ाई का यह प्रयास अपने आप में अनोखा है.


ब्यूरो रिपोर्ट/रुपेश कुमार

  

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