

पूर्णिया : पैट 2023 में अनियमितता पर छात्र राजद का हमला: कॉपी जांचने वाले दोषी प्रोफेसरों पर भी हो सख्त कार्रवाई – बिस्मिल
- by Raushan Pratyek Media
- 19-May-2025
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पूर्णिया विश्वविद्यालय में आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पैट) 2023 को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस मामले में छात्र राजद के पूर्णिया जिला अध्यक्ष मोहम्मद बिस्मिल ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा कि पैट 2023 का प्रथम परिणाम 12 दिसंबर 2024 को जारी किया गया था। इसके बाद इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी कर 11 मार्च 2025 को फाइनल परिणाम घोषित किया गया। लेकिन दो महीने बाद विश्वविद्यालय ने यह स्वीकार करते हुए परिणाम रद्द कर दिया कि मूल्यांकन में गड़बड़ी हुई थी। पुनर्मूल्यांकन कर नया परिणाम प्रकाशित किया गया।
बिस्मिल ने सवाल उठाया कि जब विश्वविद्यालय ने स्वयं माना कि पहले मूल्यांकन में त्रुटि हुई थी, तो फिर जिन प्रोफेसरों ने पहली बार कॉपियों की जांच की थी, उन पर आज तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या ऐसे प्रोफेसरों को विश्वविद्यालय संरक्षण दे रहा है?
उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है, क्योंकि विश्वविद्यालय में ऐसे केवल 5 से 6 प्रोफेसर ही हैं जो पीएचडी स्तर की कॉपी जांचने की योग्यता रखते हैं, जबकि परीक्षा में लगभग 20 विषय थे। ऐसे में यह स्पष्ट किया जाना आवश्यक है कि कॉपियों की जांच किन-किन शिक्षकों से करवाई गई थी – पहले भी और दोबारा भी।
जिलाध्यक्ष बिस्मिल ने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय बार-बार छात्रों के भविष्य के साथ मजाक कर रहा है। परीक्षा तब ली जाती है जब मन हो, परिणाम तब जारी होता है जब मन हो और जब चाहा उसे रद्द कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह ‘पास और फेल’ की प्रक्रिया को एक मज़ाक बना दिया गया है, जिससे हजारों प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं।
बिस्मिल ने गंभीर चिंता जताई कि अब अनाधिकारिक सूत्रों से यह सूचना मिल रही है कि विश्वविद्यालय पैट 2023 की परीक्षा को ही पूरी तरह रद्द करने की योजना बना रहा है। उन्होंने सवाल किया, “क्या सीमांचल के गरीब, पिछड़े और मेहनती छात्र-छात्राओं के साथ बार-बार ऐसा ही व्यवहार होता रहेगा?”
बिस्मिल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल से मांग की कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और दोषी शिक्षकों व अधिकारियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जब तक न्याय नहीं होगा, छात्र चुप नहीं बैठेंगे।

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