असरगंज में प्राणिधानम संगठन के द्वितीय वार्षिकोत्सव पर सत्संग करते स्वामी सुबोधानंद जी महाराज।

मुंगेर/बिहार।


विश्वमोहन कुमार विधान।



-प्रणिधानम  संगठन के द्वितीय वार्षिकोत्सव पर सत्संग का आयोजन।


प्रणिधानम् संगठन के द्वितीय वार्षिक महोत्सव का आयोजन शुक्रवार को  प्रणिधानम् - ज्ञान केंद्र रहमतपुर बासा  असरगंज में किया गया। इस अवसर पर स्वामी  सुबोधानंद महाराज द्वारा सत्संग किया गया। सत्संग में  स्वामी जी ने कहा  कि शरीर पंचतत्व का बना है। मृत्यु शरीर का होता हैं। जीव भी नित्य हे़ं। बड़े भाग्य से यह मानव जीवन मिला है इसका सदुय योग मानव कल्याण के लिए करना है। जन्म से मृत्यु तक का समय जीवन माना जाता हैं। जबकि वास्तव में यह जीवन नहीं हैं। जीवन अखंड अनादि,अनंत है, वही जीवन तत्व मानव को जानना चाहिए। व्याग, सेवा एवं प्रेम जीवन का मुल मंत्र हैं ।मालूम हो कि प्रणिधानम् संगठन, समाजिक एवं अध्यात्मिक जागृत के लिए समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहा हैं। देश के बड़े स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर प्रणिधानम् संस्था ग्राम वासियों के हित में कार्य कर रही हैं। भारत स्काउट एंड गाइड के साथ मिलकर अनुशासन एवं सेवा का गुड़ सिखा रहा हैं। वही अध्यात्म के क्षेत्र में स्वामी सोमयानंद महाराज एवं सुबोधानंद महाराज के मार्गदर्शन में आध्यात्मिक जागृति के लिए कार्य कर रही है। विचार सर्विस फाउंडेशन के साथ मिलकर ई0 रवि रंजक के मदद से शिक्षा के लिए कार्य कर रही है।इस अवसर पर प्रणिधानम् सदस्यगण के साथ-साथ ग्रामीण समुदाय भी उपस्थित थे।

  

Related Articles

Post a comment