

विपक्ष के द्वारा मानसून सत्र के दौरान किए गए बर्ताव से यह स्पष्ट होता है कि जनता उन्हें नकार चुकी है और इस चुनाव उन्हें सबक सिखाने वाली है।
- by Raushan Pratyek Media
- 26-Jul-2025
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पटना। बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन के अंदर हो रहे हंगामा एवं उठा पटक के बीच जमुई की माननीय विधायक सुश्री श्रेयसी सिंह ने अपनी वेबाक बयान प्रत्येक न्यूज़ लाइव चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि विपक्ष और विपक्ष के नेता के द्वारा सदन में अमर्यादित एवं और असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया जो लोकतंत्र के मंदिर के लिए सर्वनाक बात है।विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जिस तरह से और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया उसको देखते हुए बिहार की जनता कभी भी उनको अपना बागडोर नहीं सौंप सकती, ना ही कभी उन्हें बिहार का नेतृत्व करने के लिए दे सकती है। विपक्षी नेता ने बार-बार सदन के बेल में आकर विधानसभा के कार्यवाही को रोकने की कोशिश की।इतना ही नहीं मंत्री और उपसचेतक को गाली गलौज किया। यह बातें खुले तौर पर विधानसभा के कार्रवाई में और टीवी चैनल के माध्यम से साफ देखा जा सकता है। जहां तक एस आई आर का सवाल है तो माननीय विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार विपक्ष को समय दिया और बोलने की अनुमति दी। लेकिन विपक्ष बार-बार हेल्दी डिस्कशन को दरकिनार करते हुए अनाप-शनाप बयान बाजी करने लगे। वे हमारे मंत्रीगण और सरकार पर टीका टिप्पणी करने लगे। विपक्ष ने ऐसी धिनौनी भाषा का प्रयोग किया जिसे हम आपके सामने या अपने परिवार या वोटरों के सामने रिपीट भी नहीं कर सकते। वह यहां तक भूल गए कि सदन में महिला सदस्य भी मौजूद हैं। विपक्ष के द्वारा लगाए आरोप की सत्ता पक्ष ने विपक्ष को मां-बहन की गाली दी उस पर सुश्री श्रेयसी सिंह ने कहा कि विपक्ष नेता तेजस्वी यादव के कान में कुछ हो गया है जनता की आवाज उन तक नहीं पहुंच रही है और ना ही उनके विचार क्लियर है। जब उनसे यह पूछा गया कि विपक्ष कह रहा है कि भाजपा उसके सहयोगी पार्टी का यह आखिरी सत्र है तो उस पर सुश्री सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी केवल बिहार ही नहीं देश के कई राज्यों में सरकार चला रही है और यह विश्व की लार्जेस्ट पार्टी है। जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट भी देती है और उन्हें जिताने का भी काम करती है क्योंकि हम लोग जनता के लिए काम करते हैं और जनता का भरोसा हमारे ऊपर है और आगे भी रहेगा। जहां तक मतदाता गहन पुनरीक्षण में मांगे जाने वाले दस्तावेज का प्रश्न है तो अधिकतर मतदाओं ने चुनाव आयोग को दस्तावेज उपलब्ध करा दी है।और लगभग सत प्रतिशत एस आई आर का काम पूरा हो चुका है। उसके बाद भी चुनाव आयोग के द्वारा सभी राजनीतिक पार्टियों को एक माह का समय दिया जा रहा है। जिसके दौरान वह अपने आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।विधानसभा के कार्यवाही से यह स्पष्ट हो गया है कि विपक्ष हताश और निराश है और इस बार के विधानसभा चुनाव में उनकी डूबिया लूटने वाली है, और जनता उन्हें पूरी तरह से नकार चुकी है।

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