अधिवक्ता की जिद्द ने मरे हुए दरोगा को 12साल बाद कर दिया जिंदा, जाने पूरी।।


मुजफ्फरपुर ब्यूरो प्रमुख/रुपेश कुमार 


एंकर : जिस कोर्ट और पुलिस के ऑन रिकॉर्ड में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी लेकिन 12 साल बाद फिर उस मरे हुए व्यक्ति को जीवित साबित कर सबको को चौंका देने वाला अधिवक्ता एसके झा ने आज कोर्ट परिसर में जेनऊ धारण किया. आपको बता दें की लड़ाई एक अधिवक्ता और एक पुलिस की थी जिसमे 12साल बाद अधिवक्ता की जिद्द की जीत हुई और जिस कागजों के बल पर दरोगा खुद को मृत साबित कर रहा था उसी कागज पर वो जिंदा हो गया. 


जेनऊ तोड़कर लिया था संकल्प


बताया गया की कोर्ट में मृत दरोगा को जिंदा साबित करने के लिए मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट के मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने वर्षो पहले जेनाउ तोड़ कर ये संकल्प लिया था की जब तक दरोगा रामचद्र सिंह को जिंदा साबित नही करूंगा तब तक जेनाऊ नही पहनुगा. और आज 12साल बाद जब अधिवक्ता ने ये साबित कर दिया की दरोगा की मृत्यु नही हुई है और दरोगा फर्जी सर्टिफेक्ट देकर ये साबित करना चाह रहा था की उसकी मौत हो चुकी है फिर अधिवक्ता ने विधि विधान के साथ जेनऊ धारण किया.


आखिर क्या था पूरा मामला..!


एसके झा मानवाधिकार अधिवक्ता ने बताया की 2012/13 में दरोगा रामचंद्र सिंह एक केस के अनुसंधान पदाधिकारी थे और उनको कोर्ट में गवाही देने के लिए आना था, लेकिन उनके द्वारा डेथ सर्टिफिकेट कोर्ट में जमा कराया गया था की उनकी मौत 2009में हो चुकी है, लेकिन जब उनसे मुलाकात हुई तो हमने उनको चुनौती देते हुए कहा था की जब आप बाहर लायेंगे तभी जेनऊ धारण करेंगे, और आज 12साल बाद ये साबित हो गया की वो अब भी जीवित है, जबकि कोर्ट और पुलिस ऑन रिकॉर्ड मान रही थी की उनकी मौत हो चुकी है, साथ ही अधिवक्ता एसके झा ने कहा की मामला अहियापुर थाना से जुड़ा था.

  

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