लंबे राजनीतिक जीवन में सुशील पर कोई दाग नहीं लगा. काजल की कोठरी से सुशील बेदाग़ निकले : शिवानन्द तिवारी।


अश्वनी कुमार, ब्यूरो चीफ 


पटना : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बिहार बीजेपी के स्तंभ सुशील कुमार मोदी का कैंसर की बीमारी के बाद दिल्ली एम्स में देर रात निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही सभी राजनितिक दल के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है । उनके निधन पर राजद नेता शिवानंद तिवारी ने लिखा है की....सुशील कुमार का असमय जाने से बिहार की राजनीति का एक कोना ख़ाली हो गया. छात्र राजनीति से लेकर अब तक लगभग पचास वर्षों तक सुशील बिहार की राजनीति में एक स्तंभ की तरह खड़े रहे. इतनी लंबी पारी में सुशील जी पर कोई दाग  लगा. छात्र राजनीति से लेकर अब तक हमलोगों के बीच तीखा मतभेद रहा. लेकिन हमारे संबंध कभी कटुता नहीं रही. जिस बीमारी के बाद सुशील जी पटना आये उस दिन रात में उनका फ़ोन आया, आवाज़ में दम नहीं था. मैंने स्वयं बात करने से मना किया. अगले दिन उनसे मिलने उनके घर गया, मेरे साथ आलोक भी था. दो तीन मिनट ही उनके सिरहाने बैठ पाया. सुशील जी बेहद कमजोर हो गये थे बीमारी उनको घून की उनको खोखला कर दिया था. उनकी पत्नी से मिलकर चला आया. जयप्रकाश आंदोलन में सुशील और हम लगभग तीन महीना बांकीपुर जेल में रहे. राजनीति में हमलोगों के बीच तीव्र वैचारिक मतभेद रहा. लेकिन आपसी संबंध उतना ही स्नेहिल रहा. लंबे राजनीतिक जीवन में सुशील पर कोई दाग नहीं लगा. कह सकते हैं कि काजल की कोठरी से सुशील बेदाग़ निकले. मैं उनके प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूँ.

  

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