बेड और नकदी नहीं दी तो दूल्हा नहीं लाया बारात...दुल्हन करती रह गई इंतजार



अश्वनी कुमार समस्तीपुर 



समस्तीपुर : दहेज प्रथा रोकने के लिए सरकार कई तरह की जागरूकता अभियान चला रही है. भारतीय कानून में दहेज लेना या देना दोनों अपराध माना गया है. ऐसा करने वाले पर 5 साल की सजा या जुर्माना का प्रावधान है. बावजूद इसके दहेज को रोक पाना समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है.


ताजा मामला समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाना अंतर्गत सिरसिया गांव का है. जहां नकदी एवं पलंग दहेज में नहीं मिलने पर दूल्हा बारात लेकर नहीं आया. दुल्हन अपने परिवार एवं रिश्तेदार शुभचिन्तकों के साथ इंतजार करती रह गई. लेकिन दूल्हा बारात लेकर नहीं पहुंच पाया. दहेज के लिए बरात नहीं आने को लेकर दुल्हन के पिता ने स्थानीय थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.



जानिए पूरा मामला


बताया जाता है कि हसनपुर थाना क्षेत्र के सिरसिया गांव के वार्ड संख्या 01 निवासी मो. केसर ने बेगूसराय जिले के छोड़ाही थाना क्षेत्र झरही गांव निवासी मो. फुलो के पुत्र मो. इस्तेखार से अपनी पुत्री का निकाह तय किया था. उसके बाद वर-वधू परिजनों ने अपने सगे संबंधियों के साथ बड़ी धूमधाम से शादी से पूर्व छेका, फलदान तिलकोत्सव आदि रस्मों पूरी की. शादी के दिन बारातियों के स्वागत के लिए तरह-तरह के व्यंजन की व्यवस्था की गई. बरात आने में देर होते देखा दुल्हन पक्ष के लोग दूल्हे पक्ष से संपर्क किया तो बताया गया कि नकदी एवं पलंग दहेज के रूप में नहीं देने के कारण बारात नहीं आ रही है. इतना सुनते ही लड़की पक्ष के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा.



लड़के वालों के घर में नहीं था कोई


लड़की के पिता ने अपने शुभचिंतकों के साथ लड़के वाले के घर पर पहुंचे तो देखा की दूल्हे पक्ष की ओर से कोई भी पुरुष घर पर मौजूद नहीं है. सभी घर वाले फरार बताए गए. उसके बाद हताश निराश होकर लड़की के परिजनों ने स्थानीय थाना को मामले की जानकारी देते हुए आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. साथ लड़की पक्ष के द्वारा का एक कॉल रिकॉर्डिंग भी थाने में दिया है.

  

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