मोबाइल के सहारे मधेपुरा के बीएन मंडल विश्वविद्यालय में होता है कार्य

लोकेशन-रमण कुमार मधेपुरा 

मोबाइल हमारे जीवन का आज सबसे महत्वपूर्ण मल्टी पर्पस गजेट है.... इसके उपयोग से से सभी अवगत हैं लेकिन इसका सबसे अधिक उपयोग मधेपुरा के भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के छात्र और कर्मचारी करते हैं.... जब बिजली न हो.... बीते साल सितम्बर माह में एक महाविद्यालय में परीक्षा के वक्त बिजली गुल हो गई फिर क्या था छात्रों ने एक तरफ से मोबाइल निकला और परीक्षा देना शुरू कर दिया मोबाइल का लाईट जला कर.... अब विश्वविद्यालय मुख्यालय के पंजीयन विभाग में कर्मचारी मोबाइल की रौशनी में काम करते देखे जा रहे हैं..... एक ओर जहाँ विश्वविद्यालय ज्ञान की प्रकाश फ़ैलाने का दावा करती है तो दूसरी और विश्वविद्यालय के अंधकार को मिटाने के लिए बिजली के अलावे कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है..... इस सम्बन्ध में जब विश्वविद्यालय के कुलसचिव से सवाल किया गया तो उन्होंने दावा किया कि माननीय कुलपति के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय प्रगति पथ पर अग्रसर हैं.... जल्द ही रौशनी की बैकल्पिक व्यवस्था कर दी जाएगी....भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में एक तरफ जहां आज सभी मंचों से विश्वविद्यालय को नैक से मान्यता दिलाने की बात कही जा रही है, तो वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन अपने कार्यालयों में प्रयाप्त रौशनी तक की व्यवस्था नहीं कर पाई है.... बीएनएमयू के प्रशासनिक भवन के पंजीयन शाखा में कर्मचारी दिन के उजाले में भी मोबाईल जलाकर काम करते देखे जाते हैं..... कैमरे से हट कर कर्मचारी बताते हैं कि अधिकारी के कमरे तो इनवर्टर से जगमग करते हैं लेकिन जहाँ छात्रों का काम होता है वहां रौशनी की कोई बैकल्पिक व्यवस्था नहीं है....अंधेरे के कारन काई बार छात्र-छात्राओं के प्रमाण पत्र में गलती होने की संभावना भी बनी रहती है

  

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