मधुबनी-FIR मे धारा लगाने मे पुलिस की मनमानी पर कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख,थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी



किशोर कुमार ब्यूरो 


मधुबनी-एफआईआर में धारा लगाने में पुलिस की मनमानी पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मो. अजिजुल्लाह बनाम मो.सदाकत के केस में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंजनी कुमार गोंड ने नगर थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने थानेदार से सदेह उपस्थित होकर जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने पूछा है कि मारपीट की घटना में जख्मी सूचक अजिजुल्लाह ने पुलिस को दिये फर्दबयान में जब तलवार से गर्दन पर एवं पेट में चाकू घोंपने का आरोप लगाया है तो फिर किस परिस्थिति में धारा 307 भादवि नहीं लगाया गया। कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस एसपी के माध्यम से भेजा है। जानकारी के अनुसार कमरुद्दीन एवं एक अन्य अभियुक्त सीजेएम कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की। सूचक एवं जख्मी भी उपस्थित हुए। न्यायालय में जब अभियुक्त को बुलाया तो अभियुक्त फरार हो गए। उनके वकील भी न्यायालय में पक्ष नहीं रखा। उसी समय केस के जख्मी तथा सूचक अजिजुल्लाह एवं जियाउल्लाह न्यायालय में पेश हुए और न्यायालय को जख्म दिखाते हुए जख्म से संबंधित तस्वीर दाखिल कर प्राथमिकी में धारा 307 नहीं लगाने का मामला उठाया। दोषी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की। बाद में कोर्ट ने सुनवाई के बाद नगर थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया। डीपीओ दिग्विजय नारायण सिंह ने बताया कि मामला भौआड़ा गोवा पोखर का है। 26 नवंबर 2022 को बाजार से सूचक घर लौट रहा था तभी घटना घटी थी।

  

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