मधुबनी-कुढनी का चुनाव परिणाम,बिहार की राजनीति में परिवर्तन का संकेत :प्रफुल्ल

किशोर कुमार ब्यूरो 

मधुबनी-बिहार में जदयू के महागठबंधन मे शामिल होने के बाद पहले गोपालगंज मोकामा तथा आज कुढनी बिधानसभा उप चुनाव के परिणाम से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार की राजनीति परिवर्तन की संभावनाओं के दौर से गुजर रही है। कुढनी बिधानसभा उप चुनाव में जिस तरह से महागठबंधन समर्थित जदयू उम्मीदवार को समाज के सभी वर्गों ने सिरे से खारिज कर दिया है वह इस बात के संकेत है कि नीतीश कुमार तथा तेजस्वी यादव का नेतृत्व बिहार के लिए बोझ बन चुका है। टीम आरसीपी के बरिष्ठ सदस्य प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने कुढनी बिधानसभा उप चुनाव परिणाम आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया मे उपरोक्त बातें कही हैं। श्री ठाकुर ने नीतीश कुमार के नेतृत्व को बिहार के लिए अभिशप्त तथा कार्यकर्ताओं के लिए संताप बताते हुए कहा कि जनाधारविहीन नेताओं की मंडली मे चापलूसों तथा चाटुकारों से घिरे सीएम नीतीश कुमार जी को  अब राजनीति से संयास लेनी चाहिए नहीं तो बिहार की जनता उन्हें राजनीतिक वनवास देने का मन बना चुकी है। श्री ठाकुर ने कुढनी चुनाव परिणाम को जदयू कार्यकर्ताओं के लिए आइना बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के  साथ साथ पार्टी के आधा दर्जन प्रकोष्ठो मे नेतृत्व देने के बावजूद उक्त समाज के लोगों ने जदयू को सिरे से खारिज कर दिया जबकि राष्ट्रीय संसदीय वोर्ड के अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष के साथ साथ कुशवाहा समाज के उम्मीदवार रहने के बावजूद  इस समाज के बहुलता वाले क्षेत्रों में भी जदयू उम्मीदवार को करारी शिकस्त मिली जो इस बात को साबित करता है कि अगड़ी जातियों के साथ साथ अब अति पिछड़ा एवं कमजोर एवं बंचित समाज के बीच भी नीतीश कुमार की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। श्री ठाकुर ने जदयू को डूबता हुआ जहाज की संज्ञा देते हुए कहा कि राष्ट्रीय संगठन प्रभारी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जी का नेतृत्व जदयू के लिए स्वर्णिम काल माना जायेगा जब बिहार के हर बूथ तक पार्टी की संगठनात्मक पहचान कायम हुई तथा कार्यकर्ताओं के बीच पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जी के बढती विश्वसनीयता से घबड़ाकर जनाधार चापलूसों के सलाह से नीतिश कुमार ने विभिन्न तरह के आत्मघाती फैसले लिए जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में वर्तमान अध्यक्ष की ताजपोशी एवं एनडीए से अलग होकर महागठबंधन मे शामिल होने जैसे अव्यवहारिक फैसले शामिल हैं। श्री ठाकुर ने नीतीश कुमार की नीतियों की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि जिस जंगलराज को बदलने के लिए लाखों कार्यकर्ताओं ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया नीतीश कुमार अब उसी जंगलराज के वारिश तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने की बात सार्वजानिक रूप से कह रहे हैं जिसका खामियाजा उन्हें भुगतान पड़ेगा तथा अब नीतीश कुमार के राजनीतिक अवसान की पटकथा शुरू हो चुकी है।

  

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