

सिख गुरु के चरणरज बरारी में गुरुद्वारा में संजोये गुरु इतिहास से रूबरू हो धन्य हो गया -परमजीत सिघ लुधियाना. एतिहासिक धरती को चुम आँखे नम हुई . सजी हुई सिखी देख हतप्रभ हुए पंजाब के साहित्यकार
- by Raushan Pratyek Media
- 09-May-2025
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बरारी करिहार से नीलम कौर की रिपोर्ट
कटिहार जिला के एतिहासिक बरारी प्रखंड में पंजाब प्रांत के लुधियाना से साहित्यकार परमजीत सिंघ सुचिंतन जो बिहार सीआईडी आईजी दलजीत सिंह के ज्येष्ठ वीर है गुरूवार सुबह प्रखंड की एतिहासिक धरती नतमस्तक होते हुए गुरु की खुशिया प्राप्त कर एक एक गुरूद्वारा का भ्रमण कर बारीकी से सिख गुरु के एतिहासिक पल एवं दस्तावेज का दर्शन कर निहाल हुए . खालसा पंथ के एतिहासिक स्थानों की खोज में निकले साहित्यकार विद्धान परमजीत सिंघ सुचिंतन को गुरुद्वारा लक्ष्मीपुर , भवानीपुर , कान्तनगर , भंडारतल , उचला का भ्रमण के दौरान गुरु मर्यादानुसार श्रीसाहब शिरोपा देकर सम्मानित किया गया. परमजीत सिंह ने बताया कि कटिहार जिला की बरारी प्रखंड की पावन धरती पर सिख गुरु साहिबान के पुरातन इतिहास को करीब से जाना जिसमें गुरुतेग बहादुर एतिहासिक गुरुद्वारा लक्ष्मीपुर , गुस्तेग बहादुर एतिहासिक गुरुद्वारा कांतनगर एवं एतिहासिक गुष्दार भवानीपुर गुरुबाजार काढागोला साहिब का पवित्र इतिहास सामने आया . गुरुद्वारा प्रबंधकों द्वारा दिखाये गये हस्तलिखित गुरुग्रंथ साहिब , गुरु के हुक्मनामे एवं कई पुस्तकों में दर्ज इतिहास से जो जानकारी प्राप्त हुई उस अनुसार प्रथम गुरु नानक देव एवं नौवे पातशाही गुरू तेग बहादुर जी महाराज बिहार तों तिब्बत एवं असम यात्रा गंगा नदी से करते हुए कुन्तलनगर (कांतनगर ) व भवानीपुर में ठहरे सतसंग किया . जिसमें भवानी सिंह नामक गुरु सिख का छोड़ जाना इस क्षेत्र में गुरुसिख की बड़ी उपब्धि है . जिनका दसवां पुस्त भी आज गुरु की सेवा कर गुरु सिखी को इलाके में बरकरार रखा है . उन्होंने बताया कि गुरू के हम सभी सिख हैं मानवता को आत्मसात कर गुरु के वाणी को ग्रहण कर सिखी का प्रचार प्रसार बच्चों में अधिक हो इस इलाके में बड़ी जरूरत है . गुरुमुखी का ज्ञान होना जरूरी है . परमजीत सिघ सुचिंतन ने सिखों एवं गुरुनानक नाम लेवा कई श्रद्धालु से मिलकर काफी जानकारी इकट्ठा की . गुरुद्वारा भ्रमण के दौरान गुरुद्वारा लक्ष्मीपुर के प्रधान प्रदीप सिंह , भवानीपुर के प्रधान रंजीत सिंह , कांतनगर के उपप्रधान कमल सिंह , उचला के प्रधान जसपाल सिंह , भण्डारतल के प्रधान अमरजीत सिंह ने शिरोपा सोंपा . मौके पर शनिन्द्र सिंह , हरजीत सिंह , धनवीर सिंह , संजू सिंह , अरजन सिंह , भगत सिंह , गोविंद सिंह , प्रभु सिंह , सत्यदेव सिंह , मुखिया उमाकांत सिंह , शंभू यादव , अमृतपाल सिंह , गुरेन्द्रपाल सिंह , पप्पू सिंह , सरपंच अर्जुन सिंह , जसवीर सिंह , प्रदीप सिंह , नरेन्द्र सिंह , पूर्व प्रधान अकवाल सिंह , मनोज सिंह , कालू सिंह , परमजीत सिंह , मलकीत सिंह , अवधकिशोर सिंह , हेडग्रंथी भाई सुरजीत सिंह , जीवन सिंह सहित सिख संगत एवं सभी गुरुद्वारा प्रबंधको ने लुधियाना पंजाब से आये सिख साहित्यकार रचनाकार परमजीत सिंघ सुचिंतन का आभार जताया साथ ही एतिहासिक पृष्ठभूमि को एक साथ पिरोने को अपील की . वाहिगुरु जी का खालसा वाहिगुरु जी की फतेह के जयघोष के साथ उन्हे रवाना किया . मौके पर बरारी थाना के पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे

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