कर्पूरीग्राम थाने के आगंतुक कक्ष पर पुलिस कर्मी का कब्जा, थानों में रसूख वालों को ही बैठने के लिए कुर्सी नसीब होती है।


अश्वनी कुमार, समस्तीपुर 



समस्तीपुर : अपनी शिकायत व समस्या लेकर थाना पहुंचने वाले लोगों के बैठने के लिए थाना परिसर में आगंतुक कक्ष का निर्माण कराया गया था। ताकि फरियादियों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़े और वह वहां बैठ कर पदाधिकारी का इंतजार कर सकें। लेकिन आज तक फरियादियों को आगंतुक कक्ष का लाभ नहीं मिला। उसमें बैठना तो दूर उन्हें वहां फटकने भी नहीं दिया जाता है। इस कारण फरियादी थाना प्रांगण में जमीन पर ही बैठने को मजबूर होते हैं। यही हाल जिले के सभी थानों में बने आगंतुक कक्ष का है। बताते चलें कि थानों में रसूख वालों को ही बैठने के लिए कुर्सी नसीब होती है। लेकिन सरकार के द्वारा लोगों के समक्ष पुलिस की अच्छी छवि पेश करने के उद्देश्य से कार्यशैली में बदलाव के तहत यह व्यवस्था की गई है। ताकि गरीब से गरीब व कमजोर लोग पुलिस पदाधिकारी का आगंतुक कक्ष में बैठकर इंतजार कर सकें।


कर्पूरीग्राम थाने के आगंतुक कक्ष को पुलिस कर्मी रहने व सोने के लिए करते हैं इस्तेमाल


मुफ्फसिल थाना के आगंतुक कक्ष में महिला हेल्प डेस्क व कार्यालय चलाया जा रहा है। नगर थाना के आगंतुक कक्ष में कार्यालय चलाया जा रहा है। यही हाल महिला थाना के आगंतुक कक्ष का है। जहां कार्यालय चलाया जा रहा है लेकिन पड़ताल के समय वहां ताला लटका हुआ दिखाई पड़ा। वहीं कर्पूरीग्राम थाना स्थित आगंतुक कक्ष में पुलिस कर्मी रहते और सोते हैं। पुलिस इसके लिए जगह की कमी होना बताती है। हालांकि जिनके लिए सरकार ने लख रुपए खर्च कर यह व्यवस्था की है उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। रसूख व पहुंच वाले लोग तो सीधे थानेदार के चेंबर में घुसकर घंटों बैठकर अपनी शिकायत से उन्हें अवगत करा देते हैं। लेकिन सामान्य लोगों को यह सुविधा नहीं मिल पाती है।


क्यों बनाया गया था आगंतुक कक्ष : -


थाने पर अपनी शिकायत व फरियाद लेकर पहुंचने वाले लोगों के लिए थाने में लगभग साढ़े पांच लाख रुपए की लागत से एक आगंतुक कक्ष निर्माण कराया गया है। साथ में उसमें एक शौचालय की भी व्यवस्था की गई है। आगंतुक कक्ष में उनके बैठने के लिए कुर्सी आदि की भी व्यवस्था की गई है। इसमें गर्मी के समय लोगों को गर्मी से निजात के लिए पंखे भी लगाए गए हैं। इसके मेंटेनेंस के लिए थाना मैनेजर की प्रतिनियुक्ति का निर्देश है। इसमें रजिस्टर भी रखने का निर्देश है। जिसमें थाना आने वाले लोगों की पहचान, कारण, तिथि व समय अंकित किया जाना था। लेकिन पुलिसकर्मियों के द्वारा थाने के आगंतुक कक्ष पर कब्जा जमा लिए जाने के कारण लोगों को चाहे धूप हो या बरसात उन्हें थानाध्यक्ष के इंतजार में घंटों थाना के बाहर ही खड़ा रहना पड़ता है।

  

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