बिना जांच के वरीय लिपिक का स्थानांतरण...भ्रष्टाचार के मामले पर क्यों चुप स्वास्थ विभाग?


शशि कोशी रोक्का/ किशनगंज 



किशनगंज सदर अस्पताल में दिनांक 22.11.2022 को बच्चे को टीका लगवाने पहुंचे परिजन को वरीय लिपिक रवि रोशन पाण्डेय के द्वारा दुर्व्यवहार करते हुए थप्पड़ मारने का आरोप लगा था।वरीय लिपिक के द्वारा खुद को निर्दोष बताते हुए सीसीटीवी जांच की मांग की गई थी।मगर अस्पताल प्रशासन के द्वारा लोगों की बात को सुनते हुए बिना किसी जांच किए बिना जांच टीम गठित किए वरीय लिपिक का स्थानांतरण किशनगंज जिला से पोठिया प्रखंड में कर दिया गया ।कुछ दिनों पहले सदर अस्पताल में कार्यरत प्रधान लिपिक उमेश चौधरी द्वारा डिजिटल एक्सरे संचालक से लाइसेंस देने एवं सील किए गए एक्सरे दुकान को खोलने की अनुमति के लिए 50 हजार रुपए घूस मांगने का वीडियो वायरल हुआ था। वायरल होने के बाद मामला जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के संज्ञान में आया जिसके बाद जिलाधिकारी के द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही गई।तीन सदस्यीय टीम के द्वारा जांच कर रिपोर्ट को जिलाधिकारी को 15.11.2022 को सौंप दिया गया। जांच रिपोर्ट में क्या तथ्य सामने आया यह किसी को पता नहीं.वीडियो में प्रधान लिपिक उमेश चौधरी का घुस मांगने का ऑडियो और वीडियो दिखने के बाद भी उसे हरी झंडी दिखाई जा रही है और उसी कुर्सी में बैठा कर कार्य करवाया जा रहा है.वहीं दूसरी ओर वरीय लिपिक रवि रोशन पाण्डेय पर थप्पड़ मारने के आरोप लगने के बाद बिना किसी जांच किए लिपिक को जिला से प्रखंड में स्थानांतरण कर दिया गया.इससे पहले भी वरीय लिपिक रवि रोशन पाण्डेय को हटाने की मांग की गई थी।वहीं वरीय लिपिक के निष्पक्ष जांच करने के अनुरोध पर भी किसी प्रकार की जांच के बिना ही कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग कर चुकी है जबकि भ्र्ष्टाचार डीपीएम पर प्रमंडलीय पदाधिकारी व जिलाधिकारी के कार्रवाई के आदेश के बाद भी अब तक स्वाथ्य व एंड वरिष्ठ अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।जब इस संबंध में सिविल सर्जन डा कौशल किशोर को दूरभाष पर 4 बार कॉल किया गया मगर उनका कोई जवाब नही मिला.जब डीपीएम से बात की गई तो उन्होंने मेरे अधिकार क्षेत्र अंतर्गत नहीं है कह कर टाल दिया।

  

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